Beatiful sayari

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झूठ कहते हैं लोग की दिल से निकली आवाज़ दिल तक जाती है मगर हमने तो अकसर ऐसी आवाजों को राहों में दम तोड़ते देखा है ।

सीख(दर्स)

आबशार का आब भी कहाँ बुझा सका....
फुर्कु़त से उठी इस आतिश को।
आब-ए-चश्म ने बन हम-नफ़स आब से....
समेट लिया हयात से मिले हर दर्स को।

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