मेरा ये सलाम,उन लोगों के लिए हैं, जो खुद तनिक से दर्द पर तड़प जाते हैं, किन्तु किसी जानवर का गोश्त बड़े मजे से खाते हैं, जो उन बेजबान की कराहट और दर्द से बेपरवाह हैं, और जिनका जीवन सिर्फ शौक़ पूर्ति के लिए ही हैं। मेरा ये सलाम, उन मनचलों के लिए हैं, जो खुद तो एक छोटे से व्यंग से ही तिलमिला उठते हैं, किन्तु किसी राह चलती लड़की पर फबतीं बड़ी आसानी से कसते हैं, उनकी भावनाओं को तोड़,चैन तब ही पाते हैं, जब ये महसूस करा दे कि उसने शायद बाहर कदम रख कोई गुनाह किया है। मेरा ये सलाम,हमारी इस नव पीढ़ी के उन युवाओं के लिए है, जिनके लिए खूबसूरती के मायने सिर्फ दमकते व सजावटी चेहरे से है, जिनके लिए व्यक्तित्व सिर्फ पहनावा व बोलने का तरीका ही है, जिनके लिए दोस्ती के मायने सिर्फ कोरे दिखावे तक ही सीमित है, जिनके लिए सिर्फ नकली मुखौटे पहने चेहरे और पैसा ही दुनिया है। मेरा ये सलाम,उन दहेज लोभीयों के लिए है, जिनकी दहेज माँगते वक्त जुबान जरा सी भी नहीं अटकती है, किन्तु जब स्वयं दहेज देने की बारी आती है, तब हमारे समाज में फैली दहेज प्रथा की निन्दा शुरु कर देते हैं, कैसे ...