Posts

Showing posts from March, 2018

Beatiful sayari

Image
झूठ कहते हैं लोग की दिल से निकली आवाज़ दिल तक जाती है मगर हमने तो अकसर ऐसी आवाजों को राहों में दम तोड़ते देखा है ।

बाकी

Image
कहने को बहुत है, बस जुबां से निकलना बाकी है। कागज पर उतरना बहुत है ,बस कलम से निकलना बाकी है।। दोस्ती का हाथ बढ़ा तो दूँ,बस कुछ इंतकाम बाकी है। माफ तुझे कर तो दूँ,बस कुछ कड़वाहट बाकी है।। उम्मीदों का सवेरा होने को है,बस ये निराशा का अंधेरा बाकी है। मंजिल सामने इंतजार में है,बस कुछ प्रयास बाकी है।। भाईचारे की भावना तो है,बस ये मजहब का भेदभाव बाकी है। समानता तो है हर इंसान में,बस कुछ द्वेष बाकी है।। दुनिया को समझ ही लूँगी मैं,बस कुछ इम्तिहान बाकी है। चलने को रास्ते बहुत है,बस सही का चुनाव बाकी है।। प्रेम को समझ तो गई हूँ,बस तेरी भक्ति बाकी है। विश्वास तो है तुझ में,बस सच्ची श्रद्धा बाकी है।।

जज़्बात

Image
हर्फ से मुकम्मल अल्फ़ाज़ मेरे... अल्फ़ाज़ों से भी अधूरे जज़्बात मेरे....

प्रार्थना

Image
तूने कहानी लिखी,अच्छी तो लिखता। चित्र बनाया,उसमें रंग तो देता। सृष्टि तो बनायी,पर इंसान क्यों बनाया? जब इंसान बनाया,तो ढंग का तो बनाता। ये कैसा बना दिया?,जो दानव ही है। जो धर्म और जात-पात पे ही अड़ा है। जो आडंबरों में ही फसा है। जो किसी जान की कद्र भी नहीं जानता। जो तेरी बनायी हर वस्तु की तौहीन ही करता है। प्रेम,करुणा,ममता,दया,हर्ष का भाव तो तूने बनाया। पर क्रोध,लोभ,मोह,द्वेष,ईर्ष्या को क्यों बनाया? तूने हद्वय तो दिया पर निर्मल क्यों नहीं? बिन जरूरत तो हम तेरे सामने भी नहीं झुकते। पर तेरे नाम का सहारा ले दंगों में जान जरुर लेते हैं। तूने हमें बनाया,पर हम तो तुझे भी चुनौती दे रहें हैं। तू तो भगवान है ना,सब देख सकता है। तो कर ना कोई चमत्कार,दे ना सबको सद्बुद्धि। सभी की तकदीर तूने लिखी है,तो सबको खुशियाँ ही दे। हर चेहरे पर मुस्कराहट का तोहफा ही दे। किसी से जीने की वजह ना छिन। अगर दर्द दे तो सहने की ताकत भी तो दे। कर रहम अपने हर बच्चे पर,दे शुद्ध और पाक सा मन। शांति,अमन और सुकून का वरदान,कर दे सबको प्रदान।

सलाम

Image
मेरा ये सलाम,उन लोगों के लिए हैं, जो खुद तनिक से दर्द पर तड़प जाते हैं, किन्तु किसी जानवर का गोश्त बड़े मजे से खाते हैं, जो उन बेजबान की कराहट और दर्द से बेपरवाह हैं, और जिनका जीवन सिर्फ शौक़ पूर्ति के लिए ही हैं। मेरा ये सलाम, उन मनचलों के लिए हैं, जो खुद तो एक छोटे से व्यंग से ही तिलमिला उठते हैं, किन्तु किसी राह चलती लड़की पर फबतीं बड़ी आसानी से कसते हैं, उनकी भावनाओं को तोड़,चैन तब ही पाते हैं, जब ये महसूस करा दे कि उसने शायद बाहर कदम रख कोई गुनाह किया है। मेरा ये सलाम,हमारी इस नव पीढ़ी के उन युवाओं के लिए है, जिनके लिए खूबसूरती के मायने सिर्फ दमकते व सजावटी चेहरे से है, जिनके लिए व्यक्तित्व सिर्फ पहनावा व बोलने का तरीका ही है, जिनके लिए दोस्ती के मायने सिर्फ कोरे दिखावे तक ही सीमित है, जिनके लिए सिर्फ नकली मुखौटे पहने चेहरे और पैसा ही दुनिया है। मेरा ये सलाम,उन दहेज लोभीयों के लिए है, जिनकी दहेज माँगते वक्त जुबान जरा सी भी नहीं अटकती है, किन्तु जब स्वयं दहेज देने की बारी आती है, तब हमारे समाज में फैली दहेज प्रथा की निन्दा शुरु कर देते हैं, कैसे ...