Beatiful sayari

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झूठ कहते हैं लोग की दिल से निकली आवाज़ दिल तक जाती है मगर हमने तो अकसर ऐसी आवाजों को राहों में दम तोड़ते देखा है ।

तलाश

जिंदगी चंद वर्षों का सफर,
गुजर गया बस तलाश में।
अँधेरे में उजाले की तलाश,
गहरी धूप में छांव की तलाश,
बढ़ती भूख में भोजन की तलाश,
प्यास  में जल की तलाश,
इस जमीं पर सुरक्षा की तलाश,
समुद्र में होकर तट की तलाश,

रेगिस्तान में आब की तलाश,
भाव बयां के लिए अल्फ़ाज़ों की तलाश,
रोग के इलाज में दवा की तलाश,
चोट के घावों में मरहम की तलाश,
अजनबीयों में किसी अपने की तलाश,
गुमनाम जिंदगी में पहचान की तलाश,
प्रदूषित हवा में स्वच्छता की तलाश,

भागमभाग में सुकून की तलाश,
इम्तिहान में कामयाबी की तलाश,
नौकरी में उन्नति की तलाश,
भक्ति में भगवान की तलाश,
नफरत में प्यार की तलाश,
बेईमानी में ईमानदारी की तलाश,
फरेब में सच्चाई की तलाश,
बुराई में अच्छाई की तलाश,


उदासी में मुस्कुराहट की तलाश।
निकल गई ये जिंदगी खुद की ही तलाश में,
कुछ लोगों ने पायी कामयाबी इस तलाश में,
कुछ खुद ही खो गए इस तलाश में,
आखिरी वक्त देखा तो उम्र यूँ ही गई तलाश में,
जिंदगी चंद वर्षों का सफर,
गुजर गया बस तलाश में।।

Comments

  1. वाकई हर आयाम को समेटे हुए..
    तलाश पूरी हो ही जायेगी..ये कविता भी तो थी कभी एक कागज की तलाश में

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